दूध उबल कर गिरना तब शकुन है…

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र में दूध के उबल कर गिरने को किस रूप में लेना चाहिए?, आइये हम आपको यही बताने जा रहे हैं। कभी-कभी चूल्हे पर चढ़ा दूध उबल कर बाहर गिर जाता है। इसे सामान्य पर अच्छा नहीं माना जाता है। इसे लेकर अक्सर बड़े-बुजुर्गों द्बारा टोका भी जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं, इससे भी शकुन-अपशकुन का प्रभावी विचार होता है।

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जब कभी दूध उबल कर गिरे तो गृह स्वामी को प्रसन्न होना चाहिए। ईश्वर का धन्यवाद देना चाहिए। घर में धूप-दीप जलाकर ईश्वर को नमन करना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि जहां पर दूध उबल कर छलक गया है, वहां पर सुख-सम्पति, मान और वैभव के बढ़ने का संकेत हैं, अर्थात सीध्ो शब्दों में कहें तो यह शुभ संकेत माना जाता है।

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अक्सर देखा जाता है कि दूध उबल कर गिरने पर बड़े-बुजुर्गों द्बारा टोका जाता है, जिससे इस शकुन से प्राप्त शुभता का नाश हो जाता है, इसलिए दूध उबल कर गिरने पर ईश्वर का ध्यान और पूजन की श्रेयस्कर है। उनका भाव सहित धन्यवाद करें, पूजन करें। अंत में एक बात कहना उचित प्रतीत हो रहा है, शकुन प्राप्त करने के फेर में दूध को जानबूझ कर उबाल कर न गिराये, अन्यथा यह अपशकुन माना जायेगा।

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दूध को जानबूझकर उबालना और गिराना अमृत की अवहेलना कहलाता है। इसलिए स्वघटित इस शकुन को ही उचित जाने, अन्यथा यह अपशकुन होता है।

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