कम अक्ल या बेशर्मी की पराकाष्ठा है बयान, स्वामी घिर गए

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स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ। कहावत है कि अक्ल न हो तो कम बोलना बेहतर होता है, क्योंकि कम अक्ल का व्यक्ति जब भी अपने अधकचरे ज्ञान को बघारता है तो मुल्किल में पड़ जाता है, लेकिन यहां आदरणीय नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बात नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वे कम अक्ल तो नहीं है, कम अक्ल के होते तो सत्ता सुख इतने समय तक कैसे ले पाते?

इतनी तिकड़म कैसे कर पाते? वे कम अक्ल तो नहीं, अलबत्ता दीन-ईमान और हया-शरम जरूर घोट के पी चुके हैं। तभी तो उन्होंने रामचरित मानस जैसे पावन ग्रंथ को लेकर शर्मनाक टिप्पणी की है और बेशर्मी से अपना ज्ञान बघारा है। रामचरितमानस विवाद में समाजवादी पार्टी के विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें अब बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। मामले को लेकर शिवेंद्र मिश्रा की शिकायत के आधार पर लखनऊ में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मौर्य के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया है।

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इस प्रकरण में स्वामी प्रसाद मौर्य चौतरफा घिर गए हैं। सत्ताधारी दल भाजपा तो मौर्य पर हमलावर है ही, खुद उनकी ही पार्टी सपा ने भी किनारा कर लिया है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मौर्य अपने बयान पर कायम रहते हैं या कदम पीछे करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजनीतिक दलों और हिंदू संगठनों की तरफ से स्वामी के खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग की जा रही थी। सपा नेता के खिलाफ अयोध्या में भी तहरीर दी गई थी।

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