अज्ञान व अंधविश्वासों से सर्वथा रहित होकर……………………..

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वैदिक ज्ञान

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संसार का कर्ता एवं पालक ईश्वर चन्द्रमा के सदृश आह्लादक है। वह हमें आनंद से आर्द्र करने वाला रसनिधि है। वह मधुर परमात्मा मेरी प्राणों से युक्त आत्मा के लिए आदर्श माता, पिता और आचार्य के समान हमें लाभकारी हो।

वह अंतर्यामी परमात्मा हमारी आत्मा में व्यापक होकर हमें अपनी व्याप्ति से कर्तव्य-अकर्तव्यों की प्रेरणा करने सहित हमें सत्य वेद मार्ग पर चलाने के लिए बल और शक्ति प्रदान करें। हम अज्ञान व अंधविश्वासों से सर्वथा रहित होकर हर समय कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते रहें।

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प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य।

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